ज़ख्मों और घावों की आयुर्वेदिक चिकित्सा. Home remedies and Ayurvedic treatment for wounds (Hindi)
ज़ख्मों और घावों की आयुर्वेदिक चिकित्सा
किसी चोट के कारण जब त्वचा फट जाती है या पंचर हो जाती है, तो त्वचा पर एक घाव हो जाता है जिसे खुला घाव कहते हैं। किसी मानसिक आघात या सदमे के कारण जब कोई चोट पहुँचती है तो अंदरूनी घाव होता है जिसे बंद घाव के नाम से जाना जाता है। त्वचा की सतह पर किसी भी दरार या चोट के कारण शरीर में से न सिर्फ रक्त और अन्य द्रव पदार्थों का रिसाव होता है, बल्कि उस चोट में कीटाणुओं के घुसने की भी संभावना बढ़ जाती है।
खुले घाव:
1. किसी पैनी चीज़ जैसे कि चाक़ू, छुरी या रेज़र या काँच के टुकड़े से त्वचा का कटना।
2. खरोंच जिससे त्वचा की उपरी सतह निकल जाती है।
3. किसी सुई या कील से त्वचा का पंचर होना।
4. भेदन घाव जो चाक़ू जैसी चीज़ शरीर के अन्दर घुसने के कारण होता है, बन्दूक की गोली या ऐसे ही किसी प्रक्षेप्य वस्तु के कारण ज़ख्म का होना।
बंद घाव:
1. अंदरूनी मार, खरोंच वगैरह से भीतरी चोट पहुँचना।,
2. हेमाटोमस जिसे रक्त का ट्यूमर भी कहा जाता है, रक्त वाहिका के क्षतिग्रस्त होने के कारण होता है।
3. लम्बे समय से हो रहे दबाव के कारण कृष इंजरी का होना।
4. तीक्ष्ण और गंभीर या अभिघताज घाव, उन चोटों के कारण होते हैं जो टिस्यू को भंग कर देते हैं।
ज़ख्मों और घावों के आयुर्वेदिक उपचार
• चन्दन की लेई घाव पर लगाने से भी घाव जल्दी ठीक हो जाते हैं।
• कच्चे केले का रस घाव पर लगाने से भी घाव जल्दी ठीक हो जाते हैं।
• लहसून का रस और हल्दी तिल के तेल के साथ मिलाकर बनाये हुए मिश्रण से सूजन कम हो जाती है और घाव जल्दी भर जाते हैं।
• तिल और नीम के पत्ते एरंडी के तेल के साथ भूनकर और हल्दी और कपूर के साथ पीसकर घरेलू मरहम बनाया जा सकता है। इस मरहम को घाव पर लगाने से घाव जल्दी भर जाते हैं।
• नारियल के तेल में कपूर उबाल लें और इसे सूजी हुई जगह पर लगा लें। अगले दिन उसे गरम पानी से धो लें। इससे अंदरूनी चोट के कारण हुई सूजन कम हो जाती है।
• संतरे, अंगूर, लहसून, गाजर का सेवन करने से घावों के भरने में सहायता मिलती है।
• पिसे हुए पुदीने को एक कपड़े में बांधकर घाव पर रखने से घाव जल्दी भर जाते हैं और संक्रमण का डर भी नहीं रहता।
• तुलसी के पत्तों का चूर्ण भुरभुराने से या बेल के पत्तों को पीसकर लगाने से घाव जल्दी भर जाते हैं।
• नींबू के रस के साथ अजवाइन की लेई बनाकर घाव पर लगाने से घाव जल्दी भर जाते हैं।
• पानी में आलू उबालकर और उस पानी से अंदरूनी घाव धोने से सूजन कम हो जाती है और घाव जल्दी भर जाते हैं।
• मक्खन में कत्था घोंटकर लगाने से गंदा मवाद बाहर निकलने लगता है और घाव भरने लगता है।
• गर्म किया हुआ इमली का गूदा सूजन पर लगाने से घाव जल्दी भर जाते हैं और पीड़ा कम हो जाती है।
• शस्त्र से घाव लगने पर तुरंत उस पर शुद्ध शहद की पट्टी बांधें, या हरड या हल्दी या मुलहठी का चूर्ण या भुंतभौंगड़ा या हंसराज की पत्तियां पीसकर उसका लेप घाव पर लगावें। ऐसा करने से रक्त तुरंत रुक जाता है और पकने की संभावना कम रहती है।
• कच्चे पपीते का क्षीर घाव पर लगाने से भी घाव जल्दी भर जाता है।
• चन्दन का लेप घाव पर लगाने से भी घाव जल्दी ठीक हो जाते हैं
लेखकः डा० कुलदीप चौहान
सचिव, आयुर्जीवनम सेवा समिति, रामपुर (उ०प्र०)