पाइल्स का चेक अप कैसे किया जाता है? क्या पाइल्स के चेक अप में दर्द होता है?
पाइल्स का चेक अप कैसे करते हैं डॉक्टर? How Piles/Hemorrhoids check up is done?
Article by: Dr. Naveen Chauhan, Senior Ayurveda Proctologist, Ghaziabad
मलद्वार या गुदाद्वार में होने वाली बीमारियां जिनमें प्रमुख है बवासीर या पाइल्स (piles/hemorrhoids), फिशर या गुदचीर (Anal fissure or Fissure in ano), फिस्टुला इन एनो भगंदर (Fistula in ano)
बवासीर के लक्षण Symptoms of Piles/Hemorrhoids
बवासीर (piles) का प्रमुख लक्षण मल त्याग के समय खून का आना या मल त्याग के समय दर्द होना हो सकता है ऐसे में इसका उचित रूप से इलाज करवाने के लिए आपको डॉक्टर के पास चेकअप के लिए जरूर जाना चाहिए क्योंकि सही समय पर सही डॉक्टर द्वारा चेकअप के बाद आपको सही इलाज मिल जाए तो यह बीमारी पूरी तरह ठीक हो सकती है।
डॉक्टर पाइल्स के लिए कुछ चेकअप करते हैं इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि आपके डॉक्टर पाइल्स की बीमारी का चेकअप कैसे करते हैं और क्या इसमें दर्द भी होता है?
गुदा रोग स्थानिक परीक्षण Local ano-rectal examination
सबसे पहले डॉक्टर आपको लिथोटोमी या लेफ्ट लैटरल पोजिशन (lithotomy or left lateral position) में लिटाते हैं, उसके बाद गुदाद्वार व उसके आसपास के एरिया को टॉर्च या फोकस लाइट की सहायता से ध्यान से देखते हैं कि वहां पर कोई बाहरी मस्सा (external tag, or pile mass), त्वचा का इन्फेक्शन (skin infection). ज़ख्म (wound or ulceration) या कोई फ़ोडा (abscess) या सूजन (swelling) तो नहीं है, इसके बाद वह आपको जोर लगाने के लिए कह सकते हैं, जिसमें अगर आपको अंदरूनी पाइल्स (internal piles) है, और मस्से बड़े हैं तो वह बाहर आ जाते हैं, जिससे उनकी अवस्था या ग्रेडिंग का पता चलता है।
पाइल्स की डिग्री या ग्रेडिंग Degree or Grades of Hemorrhoids/Piles
बवासीर की प्रथम अवस्था जिसे फर्स्ट डिग्री या फर्स्ट ग्रेड (first degree hemorrhoids) भी कहते हैं। फर्स्ट ग्रेड के पाइल्स बाहर नहीं आते हैं व उनसे केवल मलत्याग के समय रक्तस्राव होता है,जो कि सामान्य तौर पर बिना दर्द के होता है वह मल त्याग के समय बूंद बूंद करके खून टपकता है या कभी-कभी खून ज्यादा मात्रा में भी धार या पिचकारी की तरह आ सकता है।
बवासीर की द्वितीय अवस्था जिसे सेकंड ग्रेड या सेकंड डिग्री (second degree hemorrhoids) भी कहते हैं। इसमें मल त्याग के समय रुक रुक कर रक्तस्राव तो होता है, लेकिन साथ ही बवासीर के मस्से जोर लगाने पर बाहर आ जाते हैं (prolapse of piles masses) लेकिन जोर हटाने पर गुदाद्वार में अंदर भी चले जाते हैं।
बवासीर की तृतीय अवस्था जिसे थर्ड ग्रेड या थर्ड डिग्री पाइल्स (third degree hemorrhoids) भी कहते हैं उसमें मल त्याग के समय जोर लगाने पर बाहर आ जाते हैं वह जोर हटाने पर अंदर नहीं जाते हैं उन को अंदर करने के लिए रोगी को उंगली का सहारा देना पड़ता है।
डिजिटल रेक्टल एग्जामिनेशन पर रेक्टल एग्जामिनेशन (Digital rectal examination/DRE or Per-rectal examination or PR examination)
चेकअप के अगले चरण में डॉक्टर उंगली द्वारा आपके गुदाद्वार के अंदर जांच करता है इस जांच की विधि को डिजिटल रेक्टल एग्जामिनेशन पर रेक्टल एग्जामिनेशन (Digital rectal examination/DRE or Per-rectal examination or PR examination) कहते हैं। सामान्य तौर पर यह दर्द रहित प्रक्रिया है व यदि आपको अंदर कोई सूजन या कोई जख्म आदि है, तो इसमें आपको हल्का दर्द महसूस हो सकता है।
नाडियंत्र द्वारा परीक्षण या प्रोक्टोस्कोपी (Proctoscopy)
इसके बाद अगर जरूरत महसूस होती है तो डॉक्टर एक विशेष यंत्र द्वारा जिसे प्रॉक्टोस्कोप या आयुर्वेद में नाड़ी यंत्र (proctoscope) कहा जाता है गुदाद्वार के अंदर एनल कैनाल वह रेक्टम को सीधे देखते हैं (direct visualization of anal canal and rectum). पाइल्स की डायग्नोसिस के लिए डिजिटल रेक्टल एग्जामिनेशन वह प्रॉक्टोस्कॉपी काफी महत्वपूर्ण है। डिजिटल रेक्टल एग्जामिनेशन व प्रॉक्टोस्कॉपी के लिए लुब्रिकेशन जैसे लिग्नोकैन जेली, एलोवेरा जेल या घी या तेल का इस्तेमाल किया जाता है।
वैसे तो डॉक्टर ध्यान रखते हैं कि उंगली द्वारा चेकअप या प्रॉक्टोस्कॉपी करने पर रोगी को ज्यादा परेशानी ना हो, लेकिन फिर भी यदि उंगली द्वारा परीक्षण करने पर या प्रॉक्टोस्कॉपी करने पर किसी रोगी को असहज महसूस होता है या उसको दर्द एक मुख्य लक्षण है, तो डॉक्टर प्रॉक्टोस्कॉपी या उंगली द्वारा परीक्षण नहीं करते या कुछ समय के लिए टाल सकते हैं।
कभी-कभी डॉक्टर द्वारा चेक अप के बावजूद भी रोग की डायग्नोसिस नहीं हो पाती है ऐसे केस में कुछ अन्य जाँचों की भी जरूरत पड़ सकती है जो मशीनों और आधुनिक उपकरणों द्वारा की जाती है। इसमें सिगमॉडोस्कोपी (sigmoidoscopy), कोलोनोस्कोपी (colonoscopy) एम आर आई (MRI pelvis) या रेक्टल अल्ट्रासाउंड (Trans rectal ultrasound) आदि प्रमुख हैं।
क्यों जरूरी है डॉक्टर द्वारा चेक अप Why check up by a doctor is necessary in Piles/Hemorrhoids?
सामान्य तौर पर पाइल्स फिशर के लक्षण दिखने पर रोगी केमिस्ट शॉप से खुद ही दवा लेकर खा लेते हैं व इस बीमारी को किसी को बताने में शर्म व संकोच महसूस करते हैं। कई बार जिस बीमारी को हम सामान्य पाइल्स समझ रहे हैं, वह कोई गंभीर बीमारी जैसे गुदा का कैंसर भी हो सकती है। अतः यदि गुदा से रक्तस्राव हो रहा है या फिर आपको दर्द है, तो हमारी सलाह यह है कि आप विशेषज्ञ चिकित्सक से मिलकर चेकअप अवश्य करवाएं, कहीं ऐसा ना हो कि यह सामान्य पाइल्स ना होकर कोई गंभीर बीमारी का लक्षण हो अगर आप इसको इग्नोर करते हैं तो यह आपके स्वास्थ्य को हानि पहुंचा सकता है।
**इस लेख को ध्यान से पढ़ने के लिए धन्यवाद। लेखक डॉ नवीन चौहान गुदा रोग क्षारसूत्र विशेषज्ञ सर्जन हैं व गुदा रोगियों की आयुर्वेद औषधियों व क्षारसूत्र द्वारा पिछले 15 वर्षों से गाजियाबाद में चिकित्सा कर रहे हैं। यदि आपको इस तरह की कोई समस्या है, या आप कोई जानकारी चाहते हैं तो आप हमारे व्हाट्सएप नंबर +91-9818069989 पर मैसेज कर सकते हैं या कॉल भी कर सकते हैं यदि आपके मन में कोई प्रश्न की आशंका है तो आप यहां कमेंट बॉक्स में अपनी शंका या प्रश्न पोस्ट कर सकते हैं। हमारे विशेषज्ञ उसका उचित जवाब देंगे।