Swine flu : Ayurveda remedies | स्वाइन फ्लू आयुर्वेद‬

क्या है स्वाइन फ्लू स्वाइन फ्लू श्वसन तंत्र से जुड़ी बीमारी है, जो ए टाइप के इनफ्लुएंजा वायरस से होती है। यह वायरस एच1 एन1 के नाम से जाना जाता है और मौसमी फ्लू में भी यह वायरस सक्रिय होता है। 2009 में जो स्वाइन फ्लू हुआ था, उसके मुकाबले इस बार का स्वाइन फ्लू कम पावरफुल है, हालांकि उसके वायरस ने इस बार स्ट्रेन बदल लिया है यानी पिछली बार के वायरस से इस बार का वायरस अलग है। कैसे फैलता है? जब आप खांसते या छींकते हैं तो हवा में या जमीन पर या जिस भी सतह पर […]

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स्वस्थ रहने के स्वर्णिम सूत्र | Healthy life style rules by Ayurveda

स्वस्थ रहने के स्वर्णिम सूत्र  आचार्य चरक के अनुसार; ब्राहमेमुहूर्तेउत्तिस्ठेज्जीर्नाजीर्णाजीर्णेनिरुपयेत  सदा ब्रह्ममुहूर्त (प्रातः 4-5 बजे) में भोजन के पाचन होने का विचार करते हुए उठना चाहिए। इस समय प्रकृति  मुक्तहस्त  से स्वास्थ्य, प्राणवायु, प्रसन्नता, मेघा, बुद्धि की वर्षा करती है। बिस्तर से उठते ही मूत्र त्याग के पश्चात उषा पान अर्थात बासी मुँह 2-3 गिलास शीतल जल के सेवन की आदत सिरदर्द, अम्लपित्त, कब्ज, मोटापा, रक्तचाप, नैत्र रोग, अपच सहित कई रोगों से हमारा बचाव करती है। स्नान सदा सामान्य शीतल जल से करना चाहिए। (जहाँ निषेध न हो) स्नान के समय सर्वप्रथम जल सिर पर डालना चाहिए, ऐसा करने से […]

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कुटीप्रावेशिक रसायन | Rejuvenation therapy at indoor basis

कुटीप्रावेशिक रसायन | Rejuvenation therapy at indoor basis   कुटीप्रावेशिक और वातातपिक रसायन सेवन के योग्य कौन? जो व्यक्ति सभी साधन एकत्रित करने में समर्थ हों, स्वस्थ हों, चिंता मुक्त हों, बुद्धिमान हों, चंचल ना हों, जिनके पास समय की कमी न हो और वे परिवार और धनयुक्त हों; ऐसे व्यक्ति को कुटीप्रावेशिक विधि के द्वारा रसायन का सेवन करना चाहिए। अन्य सभी को वातातापिक विधि से रसायन का सेवन करना चाहिए। दोनों विधियों में श्रेष्ठ कौन? कुटीप्रावेशिक विधि से रसायन सेवन जल्दी लाभ देने वाला होता है परंतु वर्तमान समय में हर व्यक्ति के लिए यह संभव नहीं है, […]

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Importance of breakfast | क्यों जरुरी है नाश्ता?

Importance of breakfast in Hindi क्यों जरुरी है नाश्ता? डॉ॰ शीतल गुप्ता, बी॰ए॰एम॰एस॰ आजकल के फ़ास्ट फ़ूड के ज़माने में भोजन के गुण एवं प्रकृति की जगह धीरे–धीरे स्वाद ने ले ली है. भागदौड़ की ज़िन्दगी में सुबह जल्दी घर से निकल जाना फिर रस्ते में जो मिले वो खा लेना, ऐसी दिनचर्या आम होती जा रही है. ऐसे में लोग ब्रेकफास्ट यानि सुबह के नाश्ते के महत्व को भूलते जा रहे हैं . आयुर्वेद के अनुसार शरीर के तीन उपस्तंभ हैं; आहार, निद्रा एवं ब्रहमचर्य. क्रम पर ध्यान दें तो आहार सर्वोपरि माना गया है, आहार को ‘महाभेषज’ अर्थात […]

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आयुर्वेदीय रसायन चिकित्सा | Rejuvenation therapies in Ayurveda

आयुर्वेदीय शास्त्र में रसायन चिकित्सा एक अत्यंत महत्वपूर्ण व प्रचलित विषय है. स्वस्थ व्यक्ति के स्वास्थ्य को बनाए रखने में, रोगमुक्त युवा बनाए रखने में रसायन चिकित्सा का महत्वपूर्ण स्थान है।   जाने अनजाने में हम अक्सर रसायन औषधियों का प्रयोग करते ही हैं, जैसे; आवंला, च्यवनप्राश, मूसली आदि. आयुर्वेद रसायन चिकित्सा आधुनिक रसायन शास्त्र (Chemistry) से पूर्णतयः भिन्न है. जहाँ आधुनिक रसायन शास्त्र से अर्थ एक ऐसे विज्ञान से है जिसमें पदार्थ, तत्वों, परमाणु व केमिकल्स आदि का अध्ययन किया जाता है, आयुर्वेदीय रसायन चिकित्सा से अभिप्राय ऐसी चिकित्सा से है जो शरीर में ओज (immunity) की वृद्धि करती है […]

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Ayurvedic Remedies for Gas trouble : पेट की गैस को दूर करने के आयुर्वेदिक उपाय

  उदर-वायु एक आम तथा कभी न कभी हर किसी को होने वाली समस्या है। आयुर्वेद में  पेट गैस को अपांनवायु या  अधोवायु बोलते हैं। इसका मूल कारण जठराग्नि का असंतुलन होना  है।  पेट में वायु की विकृति से कई बीमारियां हो सकती हैं, जैसे एसिडिटी, कब्ज, पेटदर्द, सिरदर्द, जी मिचलाना, बेचैनी आदि। : सामान्य कारण पेट में गैस बनने के कई कारण हो सकते हैं जैसे: बैक्टीरिया का पेट में ओवरप्रोडक्शन होना मिर्च-मसाला, तली-भुनी चीजें, जंक फूड  ज्यादा खाने से पाचन संबधी विकार (कमजोर जठराग्नि) विरुद्ध आहार का सेवन : बींस, राजमा, छोले, लोबिया, मोठ, उड़द की दाल, फास्ट फूड, […]

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More About Ayurvedic Pacifying Treatments (Shamana Chikitsa)

Shaman in Ayurveda Shaman Chikitsa or Pacifying therapy, is  milder than shodan methods including panchakarma. Shaman is required when the person is not fit for shodan or slightly harsh body purification methods. Other reasons to resort of Shaman (saman) can be lack of time or apprehensions of the person about Ayurvedic deep cleansing methods (panchakarma). Unlike in Shodhan chikitsa, shaman doesn’t try to eliminate vitiated dosha from the system. Shaman tries to put the doshic state in balance by medication. Here the aggravated dosha is balanced by either addition of subtraction of dosha elements. Shaman is not also as effective […]

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Panchakarma: the Ayurvedic purificatory procedures

Panchakarma the Ayurvedic purificatory procedures Panchakarma therapy is also used as a purifactory therapy to cleanse the body before starting a treatment. A diseased body can be compared to a soiled cloth which can not be colored as we desire. Hence to attain the maximum benefits , the body has to be purified or cleaned before starting the treatment. The cleared channels help medicines to penetrate the deeper tissues. The detoxification process contains three steps Purvakarma – Preparations which have to be done before the detoxification Pradhanakarma – The main detoxifying process Pashchat karma – Rehabilitating the diet and lifestyle […]

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Kshara sutra its ingredients and preparation

Preparation of Ksharsutra and the Drugs Required   Author: Dr. Naveen Chauhan Consultant Ayurveda Proctologist, Shri Dhanwantari Clinic, Ghaziabad Preparation of Ksharsutra Preparation of Kshar-Sutra is no doubt, a lengthy and difficult task and the collection and preparation of required drugs is still more cumbersome. A number of different drugs are used in various combinations for the preparation of the Kshar-Sutra. The ksheer (latex) generally used are of Snuhi, Ark, Arendakarkataki, Udumbar etc. The Ksharas used are Apamarg Kshar, Ark Kshar, Kadali Kshar etc. We have here used the following drugs. Drugs Required •    Snuhi Ksheer •    Apamarg Kshar •   […]

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