चर्बी की गाँठ या लाइपोमा Lipoma and its treatment in Hindi
चर्बी की गाँठ या लाइपोमा (Lipoma and its treatment in Hindi)
Author: Dr. Renu Chaudhary, MS (Ay), Consultant General Surgeon
लाइपोमा क्या है?
What is Lipoma?
लाइपोमा या चर्बी की त्वचा के नीचे स्थित एक रबर जैसी मुलायम गांठ होती है जो शरीर के किसी भी स्थान पर हो सकती है।
चर्बी की गांठें (lipomas), त्वचा में किसी भी जगह हो सकती हैं, जहां वसा कोशिकाएं (fat cells) हों, लेकिन सामान्यत: कंधों, गर्दन, छाती, बाहों और पीठ में ये ज़्यादा पाए जाते हैं। इनका आकार मटर के दाने से लेकर कुछ सेंटीमीटर तक हो सकता है और ये बहुत धीरे-धीरे विकसित होती हैं।
हर सौ में से करीब एक व्यक्ति में लिपोमा विकसित होता है, इसलिए ये बहुत सामान्य है। एक या दो से ज़्यादा लिपोमा विकसित होना असामान्य है, जब तक कि कोई दुर्लभ आनुवांशिक बीमारी, जिसे फेमिलियल मल्टीपल लिपोमेटोसिस (Familial Multiple Lipomatosis) कहते हैं,न हो। इस बीमारी में पूरे शरीर में चर्बी की गांठें बन जाती हैं।
लाइपोमा के लक्षण Symptoms of Lipoma
सामान्य तौर पर लायपोमा मैं कोई दर्द नहीं होता,केवल गाँठ का उभार महसूस होता है जो की दिखने में ख़राब लग सकता है।
कभी कभी इस इस गांठ में दर्द भी हो सकता है।
लाइपोमा के ऐसे मामले जिनमें दर्द हो, सर्जरी से हटाने के बाद दोबारा हो जाय, उसमें कठोरता आ जाये तो उसमें डॉक्टर इस बात का पता लगाएँगे कि कहीं ये एंजियोलिपोमा (Angiolipoma) तो नहीं, जो एक शुरुआती चर्बी की गांठ है और छोटी रक्त नलिकाओं के बढ़ने के कारण होती है या लिपोसरकोमा(Liposarcoma), जो एक बहुत दुर्लभ प्रकार का सॉफ्ट टिश्यू कैंसर (soft tissue cancer) है।
चिकित्सा लाइपोमा का ट्रीटमेंट Lipoma treatment
यदि कोई लक्षण नहीं है तो जरूरी नहीं लेकिन यदि गांठ में;
>> दर्द हो (Pain)
>> गाँठ का आकार बढ़ रहा हो (Progressive increase in size)
>> हटाए जाने के बाद फिर विकसित होना (Recurrence after lipoma excision surgery)
>> गांठ शरीर के ऐसे स्थान पर हो जो दिखने में ख़राब लगे (Lipoma is at face or forehead etc.)
>> कठोर महसूस होना
ऐसे में इसका ट्रीटमेंट जरूरी हो जाता है । कुछ जांचों को करने के बाद जब यह सुनिश्चित हो जाता है की इसमें लाइपोमा के अलावा कोई अन्य रोग जैसे कैंसर आदि नहीं पनप रहा तो लाइपोमा को हटाने के लिए शल्य कर्म किया जाता है। आयुर्वेद में आचार्य सुश्रुत द्वारा वर्णित शल्य कर्म छेदन (Surgical excision of Lipoma) द्वारा इस गाँठ को निकाल दिया जाता है। लाइपोमा सामान्य तौर पर दवाइयों से ठीक नहीं होता लेकिन आयुर्वेद में चर्बी को गलाने के लिये कुछ औषधियॉँ हैं जिनकी मदद से विशेषज्ञ आयुर्वेद डॉक्टर के परामर्श के बाद लाइपोमा में भी लाभ मिलता है। गुग्गुलु, मरिच, त्रिकटु, पंचकोल आदि ऐसी ही कुछ मेदोहर औषधियों के उदाहरण हैं।
** इस लेख को ध्यान से पढ़ने के लिए धन्यवाद। यदि आपको लिपोमा की समस्या है तो आप हमारे हेल्पलाइन नंबर 9818069989 पर कॉल कर सकते हैं और ट्रीटमेंट के लिये अपॉइंटमेंट बुक कर सकते हैं।
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