कब्ज़ की आसान चिकित्सा Remedies for constipation in Hindi
कब्ज़ की आसान चिकित्सा
Easy remedies for constipation in Hindi
Author: Dr. Swastik Jain, Senior Ayurveda Consultant, Govt. of Uttarakhand
आजकल हमारा जीवन बहुत कठिन हो गया है जहां एक तरफ कई बीमारियों के ऊपर जीत हासिल की जा रही है वहीँ दूसरी तरफ नित नयी बीमारियाँ सामने आ रही हैं. आयुर्वेद के अनुसार बीमारी चाहे जो भी हो अधिकाँश का मूल कारण कब्ज या विबंध को माना जाता है. ये एक बीमारी भी है और कई बीमारियों का लक्षण भी है. यदि इस पर विजय प्राप्त कर ली जाए तो कई रोगों से मुक्ति पाई जा सकती है.इसी क्रम में आज हम बता रहे हैं कब्ज (Constipation) के रोगियों पर हमारे अनुभव तथा इसे दूर करने के लिए कुछ आसान उपाय.
क्या है कब्ज़? What is constipation?
कब्ज, पाचन तंत्र की उस अवस्था को कहते हैं जिसमें शरीर का मल बहुत कडा हो जाता है और उसका त्याग करने में कठिनाई होती है । सामान्य अवस्था में व्यक्ति प्रतिदिन दो बार मल का त्याग करता है जिससे शरीर स्वस्थ बना रहता है .जब व्यक्ति मल का त्याग आसानी से नहीं कर पाता तब उसे विबंध कहते हैं.
कब्ज़ के कारण
1. खाने का समय नियमित न होना।
2.फाईबर युक्त भोजन न करना जैसे पालक, बथुआ,मेथी का कम सेवन करना.
3. मसालेदार गरिष्ठ भोजन करना और पानी कम पीना।
4. जंक फ़ूड जैसे पेटिस, बर्गर , पीजा आदि अधिक खाना।
5. बहुत ज्यादा मानसिक तनाव में रहना।
6. टॉइलेट जाने की जरूरत महसूस होने पर भी उसे टालते रहना।
7. एक ही जगह पर बहुत देर तक बैठे रहना.
8. स्मोकिंग या नशीली दवाओं का सेवन.
9. कोल्ड ड्रिंक या शराब जरूरत से ज्यादा पीने की वजह से।
10. शरीर में पानी का कम होना
11 कम चलना या शारीरिक व्यायाम न करना
12. थायरॉयड हार्मोन का कम बनना
13 कैल्सियम और पोटैशियम की कम मात्रा
14. मधुमेह के रोगियों में पाचन संबंधी समस्या
कब्ज़ के लक्षण
1. पेट में भारीपन
2. पेट में गैस बनना
3. पेट में दर्द होना
4. भूख में कमी,
5. सिरदर्द होता है
6. हमेशा ऐसा लगता रहे कि पेट से मल पूरी तरह से बाहर नहीं निकला है।
7.चक्कर आना, टांगों में दर्द होना, बुखार
8. बार-बार टॉइलेट जाएं, मगर फिर भी मोशन आने का अंदेशा बना रहे।
कब्ज़ के शरीर पर दुष्प्रभाव
1. इससे पेट में गैस बनती है, रक्त विकार होता है।
2. सिरदर्द, अनिद्रा, चक्कर आना और भूख न लगने की शिकायत भी रहती है।
3. हाई ब्लड प्रेशर भी शुरू हो जाता है।
4. बड़ी आँत में मल जमा रहता है जिससे आँतों में नुकसान होता है।
5. बवासीर की शिकायत होती है,
6. आँते कमजोर और दुर्गंधयुक्त हो जाती है।
7. पेनक्रियाज, किडनी और मूत्राशय पर गंभीर असर पड़ता है।
कब्ज़ के चिकित्सा सिद्धांत
1. रेशायुक्त भोजन का अधिक सेवन करना, जैसे साबुत अनाज।
2. ताजा फल और सब्जियों का अत्यधिक सेवन करना।
3. पर्याप्त मात्रा में पानी पीना।
4. जंक फ़ूड का सेवन कम करना।
सामान्य चिकित्सा
1. इसबगोइल कि भूसी को पानी में फुलाकर रात में सोने से पहले खा लें . ऐसा तीन दिन तक करने से पेट साफ़ हो जाता है; इसके साथ ही तीन दिन तक सिर्फ घी मिली खिचड़ी खाएँ।
2. चाय, कॉफी, धूम्रपान व मादक वस्तुओं से परहेज करें.
3. गरिष्ठ, बासी व बाहरी खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।
4. रोज रात्रि में मुनक्का कूटकर एक चम्मच खाकर एक गिलास गुनगुना पानी पीएं.
5. बेड-टी की आदत त्याग दें ।
6. प्रातः काल उठकर एक ग्लास गुनगुने पानी में एक नीम्बू का रस निचोडकर पी जाएँ.
दिनचर्या –
1. ब्रेड, टोस्ट और नूडल्स/मक्रोनी जैसे मैदे से बने पदार्थ नाश्ते में लेना बंद करें.
2. अंकुरित दाल और गेहूं चबाकर नाश्ते में खाना शुरू करें.
3. 2 अंजीर को रात को पानी में भिगोकर सुबह चबाकर पानी पीने से पेट साफ हो जाता है।
4. गाजर के रस का रोजाना सेवन करने से कोष्ठबद्धता (कब्ज) ठीक हो जाती है।
5. गिलोय के बारीक चूर्ण को गुड़ के साथ बराबर की मात्रा में मिलाकर 2 चम्मच सोते समय सेवन करें.
6. अजवायन, त्रिफला और सेंधानमक को बराबर मात्रा में लेकर पीसकर रोज 3 ग्राम हल्के गर्म पानी से लें.
7. सोते समय 1 चम्मच साबुत मेथी दाने को पानी के साथ पीएं.
8. फ्रिज का पानी पीना बंद करें और जब भी संभव हो सादा पानी को हल्का गुनगुना करके पीएं.
9. दालचीनी, सोंठ, इलायची मिला कर खाते रहने से लाभ होता है।
10. खाने में चोकर युक्त आटे की रोटी ही लें इसमें यदि चाहें तो चना पिसवा के डलवा सकते हैं.
11.फल- मौसमी, संतरा, नाशपाती, तरबूज, खरबूजा, अनानास, अमरूद, पपीता खाएं और बेल का शर्बत बनाकर पियें.
12. सब्जियां- शिमला मिर्च, तोरी, टिंडा, लौकी, परमल, गाजर, मैथी, खीरा, ककड़ी, पालक और बथुआ।
कब्ज़ की योग चिकित्सा
• सूर्य नमस्कार,
• पवनमुक्तासन
• भुजंगासन
ये तीनों आसन नियमित रूप से करें।
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“सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः ।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद्दुःखभाग्भवेत् ॥“
शेष अगली पोस्ट में…..
प्रतिक्रियाओं की प्रतीक्षा में,
आपका अपना,
डॉ.स्वास्तिक
चिकित्सा अधिकारी
( आयुष विभाग , उत्तराखंड शासन )
(निःशुल्क चिकित्सा परामर्श, जन स्वास्थ्य के लिए सुझावों तथा अन्य मुद्दों के लिए लेखक से drswastikjain@hotmail.com पर संपर्क किया जा सकता है )
sir please batao fissure in ano sae cancer ho sakta hae kya mainae surgery karwai thi but theek nahi hua last 3 years sae hae
फिशर से कैंसर होने की संभावना बहुत ही कम होती है परन्तु आपको इसका पूरी तरह से इलाज करवाना चाहिए क्योंकि किसी भी रोग को लम्बे समय तक पालना ठीक नहीं है.
Nice Blog.
Thanks for sharing this information with us.
Other more serious conditions that may cause constipation include:
Bowel cancer
Crohn’s disease
Spinal cord injuries/diseases
Sir namshkar mujhe fissure ki problem 1year se h mene kitna ilaj krwa Liya h but me thik nhi Ho Pa rhi hu mera wait v kam hote ja rha he bhukh v nhi lagti h Sir pleace mujhe isko ache se thik krna h me bhot preshan hun plz isko thik krne K upaay bta dijiye
फिशर रोग यदि पुराना है तो दवाइयों से ठीक होना मुश्किल होता है. संभवतः उसमें क्षार सूत्र या कोई अन्य शल्य कर्म की आवश्यकता पड़े. बिना चेक अप के कुछ भी कहना संभव नहीं है, यदि आप चाहें तो हमारे यहाँ लेडी डॉक्टर से 9818069989 पर अपॉइंटमेंट लेकर मिल सकती हैं.
Pingback: Home remedies for Fissure Anal Pain | Anal fissure treatment Ghaziabad
Lovely details abt constipation.
Thanks Dr. Pathan for your appreciation.
sir I did kshar shutra treatment for fissure 2 months ago. It was almost cured, but one day I had a hard stool. From that day I had a swollen part in right side of my anus. Is it fissure again. should I have to operate it again. waiting for your advise. Thank you
It might be Fissure as well as piles… Is it bleeding or not
Sir mere me face burning itching aur lal chote dane nikle h sath hi mera pet bhi saf nhi ho rha h